सीरिया में शांति के प्रति रूस की प्रतिबद्धता पर है संदेह: बराक ओबामा

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दिल्ली
सीरियाई संकट को खत्म करने के लिए अमेरिका को रूस के साथ सैन्य सहयोग करना चाहिए या नहीं इस बात पर शंका जाहिर करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि सबसे पहले तो इस प्रस्ताव को जांचा जाना चाहिए।

ओबामा ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि हमें रूसी लोगों या व्लादिमीर पुतिन पर यकीन करना चाहिए या नहीं। इसीलिए हमें इस बात को जांचना होगा कि हम वास्तव में युद्धस्थिति को खत्म कर सकते हैं या नहीं? इसमें उन हवाई हमलों, नागरिकों की मौतों और तबाही का खत्मा शामिल है, जो असद के शासन की ओर से किए जाते रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि रूस शायद वहां नहीं पहुंच सकता। शायद इसलिए कि वह पहुंचना ही नहीं चाहता या फिर शायद इसलिए क्योंकि उसका असद पर पर्याप्त प्रभाव नहीं है। इस बात की जांच अमेरिका को करनी होगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे अपनी आंखों पर पट्टी बांधे बगैर देखते हैं। हम इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि रूस एक हत्यारे शासन का समर्थन करने के लिए तैयार रहा है। एक ऐसा शासन जिसमें एक व्यक्ति है- असद, जिसने सिर्फ सत्ता पर काबिज रहने के लिए अपने देश को तबाह कर दिया। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के साथ हुई शुरूआत आज एक अच्छे-खासे आधुनिक समाज के पूरी तरह तबाह होने तक पहुंच गई है।’’ ओबामा ने कहा, ‘‘अमेरिका सीरिया में हिंसा को कम करने और आईएसआईएल एवं अल-कायदा के खिलाफ हमारे प्रयासों को मजबूत करने के लिए रूस के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है लेकिन अब तक रूस जरूरी कदम उठाने में विफल ही रहा है।’’ उन्होंने कहा, लगातार बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए अब समय आ गया है कि रूस दिखाए कि वह इन लक्ष्यों को हासिल करने को लेकर गंभीर हैं।

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