रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उम्मीदों को करारा झटका लगा है। पुतिन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से वादा किया है कि रूस आतंकवाद खात्मे के मुद्दे पर उसके साथ है। पुतिन का यह बयान भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर रूस को पाकिस्तान से दूर करने की कोशिश कर रहा था। साथ ही रूसी और पाकिस्तानी सैनिकों के साझा अभ्यास को टालने की कोशिशों में जुटा था। इसी महीने की 15 तारीख (15 अक्टूबर) को गोवा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच रक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर समझौते हुए थे। रूस ने भारत को आतंकवाद के मुद्दे पर समर्थन का भरोसा दिया था। हालांकि, इस मुद्दे पर रूस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया था, बावजूद इसके भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि रूस को भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अपने पाले में करने में कामयाब रहा है। लेकिन अब रूस का यह कदम भारतीय अधिकारियों के दावे की सच्चाई बयां कर रहा है।
पाकिस्तान के क्वेटा में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भेजे अपने शोक संदेश में पुतिन ने कहा है कि रूस आतंकवाद के खात्मे की दिशा में पाकिस्तान को सहयोग करने में कोई कमी नहीं करेगा।
गौरतलब है कि 18 सितंबर को कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सैनिकों के कैम्प पर हुए हमले के बाद रूसी सेना द्वारा पाकिस्तानी सैनिकों के साथ साझा सैन्य अभ्यास की खबरें आई थीं। हालांकि, तब रूस ने इस तरह के सैन्य अभ्यास से इनकार किया था लेकिन मीडिया में रूसी सैनिकों के पाकिस्तान पहुंचने की तस्वीरें सामने आई थीं। इसके साथ ही गोवा में भारत-रूस के शीर्ष राजनयिकों की मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि रूस आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का साथ देगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी रूस के साथ दशकों पुरानी दोस्ती का हवाला देते हुए कहा था कि एक पुराना दोस्त दो नए दोस्तों से अच्छा होता है।