एफबीएम ने एक बयान में कहा कि इन प्रदर्शनों का उद्देश्य ‘‘अवैध धंधों और बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार द्वारा मानवता के खिलाफ अंजाम दिए जाने वाले अपराधों’’ को रेखांकित करना और बलूच राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष के बारे में जागरूकता फैलाना है।
एफबीएम ने कहा, ‘‘यह संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि वह अपने चार्टर के उल्लंघन और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा की जा रही क्रूरता का संज्ञान ले।’’ संगठन ने कहा कि पाकिस्तान ने 1948 में जब से बलूचिस्तान पर कब्जा किया है, वह मानवाधिकारों के भारी उल्लंघन करता रहा है और निर्दोष बलूच लोगों को मारता रहा है। ‘‘पाकिस्तानी सरकार ने निशाना बनाकर हत्याएं करके, अंधाधुंध बमबारी करके और जबरन लापता करवाकर बलूच लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है।’’ ये प्रदर्शन एक ऐसे समय पर हो रहे हैं, जब महज एक सप्ताह बाद ही विभिन्न देशों और सरकारों के प्रमुख वैश्विक संस्था के मुख्यालय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र के दौरान उच्च स्तरीय आम बहस के लिए जुटने वाले हैं।