दिल्ली: उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के सपा के आरोपों को खारिज करते हुए बसपा ने आज कहा कि राज्य की सत्ताधारी सपा भगवा पार्टी की मदद के लिए मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सपा के इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है कि बसपा और भाजपा अगली सरकार बनाने के लिए साथ आ सकते हैं। सपा का उद्देश्य मुसलमान मतदाताओं को गुमराह करना है क्योंकि सपा को पता है कि बड़ी संख्या में मुसलमान मतदाता बसपा के साथ आ रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और सपा एक दूसरे का हित साध रहे हैं। ‘‘बसपा सरकार के समय भाजपा कमजोर हुई है। लेकिन जब जब सपा की सरकार बनी है तब तब भाजपा मजबूत हुई है।’’ सिददीकी ने कहा कि सपा का जन्म जनसंघ और भाजपा की मदद से हुआ है। इतिहास गवाह है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव 1967 में जब पहली बार जसवंत नगर से विधायक बने तो जनसंघ की मदद से बने।
उन्होंने कहा कि बसपा ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार जरूर चलायी है लेकिन पार्टी के उसूलों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। हमने भाजपा और आरएसएस के एजेंडे को अपनी सरकार में लागू नहीं होने दिया।
सिददीकी ने दावा किया कि प्रदेश का मुसलमान सपा और भाजपा की सच्चाई को जान गया है और पिछले लगभग साढे चार साल से अपनी जान माल की कुर्बानी देकर झेल रहा है इसलिए अब मुसलमान सपा के किसी बहकावे में आने वाला नहीं है। प्रदेश का मुसलमान सांप्रदायिक शक्तियों का खात्मा करने में सक्षम बसपा के साथ खडा है।