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विदेश मंत्री महमूद अली ने कल मीडिया से बात करते हुए कहा था कि शी के दौरे का दूसरों देशों खासकर भारत के साथ बांग्लादेश के संबंधों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
यह पूछे जाने की क्या शी की यात्रा का भारत के साथ बांग्लादेश के गर्मजोशी भरे संबंधों पर कोई कसर पड़ेगा, उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसा नहीं लगता।’’ मार्च, 1986 में तत्कालीन राष्ट्रपति ली शियानियन की यात्रा के बाद से यह किसी चीनी राष्ट्रपति की तीन दशकों में पहली बांग्लादेश यात्रा है।
बीजिंग ने इससे पहले इस हफ्ते एक बयान में कहा था कि यह यात्रा एक ‘‘मील का पत्थर’’ साबित होगी क्यांेकि इस दौरान ‘‘दोनों पक्ष समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों बेहतर होंगे।’’
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