भारत के लिए खतरे की घंटी, कराची बंदरगाह पर मौजूद रहता है चीन की परमाणु पन्डुब्बी

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पिछले एक दशक में पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साझीदार चीन के साथ अपने नौसैनिक संबंध भी मजबूत किए हैं। पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान स्टेट रेडियो ने चीन से आठ युआन क्लास परंपरागत डीज़ल-चालित पनडुब्बी हासिल करने के लिए हुए सौदे की घोषणा की थी। पहली चार पनडुब्बियां वर्ष 2023 के अंत तक डिलीवर किए जाने की उम्मीद है, जबकि शेष चारों पनडुब्बियां कराची में ही वर्ष 2028 तक असेम्बल की जाएंगी। शायद सबसे अहम पहलू यह है कि चीन के पास पाकिस्तान के रणनीतिक रूप से ग्वादार पोर्ट तक पहुंच है, जो 46 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से बन रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) का हिस्सा है, और इसके अलावा चीन ने खुद भी हॉर्न ऑफ अफ्रीका में जिबूती स्टेशन पर हाल ही में नौसैनिक अड्डा बनाया है।

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