रुपयों की किल्लत से जूझते दिखे मोदी के मंत्री, बेटी की शादी पर दिखा नोटबंदी का असर

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नोटबंदी

नोटबंदी का असर ना सिर्फ आम जनता पर बल्कि खास लोगों पर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में नेता, अभिनेता और बिजनेसमैन हर कोई रुपयों की किल्लत से जूझता दिखाई दे रहा है। यहां तक कि मोदी के मंत्री भी इस मार से अछूते नहीं हैं। हम बात कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव की। नोटबंदी की वजह से मंत्री जी की बेटी का रिशेप्शन फीका दिखाई दिया। उन्होंने बिना किसी ताम झाम के बेटी का वेडिंग रिसेप्शन निपटा दिया।

दरअसल, गुरुवार (24 नवंबर) को राम कृपाल यादव की बेटी की शादी का रिसेप्शन था। उन्होंने रिसेप्शन दिल्ली में रखा था। लेकिन कार्यक्रम बड़े ही साधारण ढंग से निपटा दिया गया। हालांकि, मेहमानों की लिस्ट काफी लंबी थी उसमें कोई कोटौती नहीं की गई थी लेकिन, तैयारियों में काफी कुछ नहीं किया गया था। कार्यक्रम के लिए ज्यादा सजावट नहीं की गई थी। इसके अलावा साज-सज्जा भी बहुत ज्यादा बड़े पैमाने पर नहीं थी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए और आकर्षण का केन्द्र बन गए। शादी में आए मेहमानों ने मोदी के साथ फोटो खिंचवाए, सेल्फी ली। इतना ही नहीं इस रिसेप्शन पार्टी में मोदी-मोदी के नारे भी सुनाई दिए।

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नोटबंदी के बाद ऐसे कई मामले सुनने में आ रहे हैं जो काफी कम बजट में शादी निपटा देते हैं। गुजरात के सूरत जिले में एक जोड़े ने 500 रुपए कैश में शादी निपटा ली थी। जानकारी के मुताबिक, दक्ष और भरत परमार की शादी सरकार द्वारा 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले से पहले ही तय हो गई थी। लेकिन सरकार ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट का चलन बंद कर दिया, साथ ही एटीएम व बैंक से पैसे निकालने की सीमा भी बेहद कम कर दी। इसके बाद शादी की तैयारियां कर रहे इस परिवार को शादी के बजट में कटौती करनी पड़ी। आलम यह रहा कि शादी में आए मेहमानों के लिए सिर्फ चाय और पानी ही बंदोबस्त रहा।

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मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का एलान किया गया था। मोदी द्वारा किए गए एलान में कहा गया था कि 30 दिसंबर के बाद से 500 और 1000 रुपए के नोट अमान्य हो जाएंगे। लोगों से उनके नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए कहा गया था। हालांकि, कुछ जगहों पर नोटों को चलाने की इजाजत मिली थी। जिसे 24 नवंबर यानी कल के बाद से बंद कर दिया। अब सिर्फ 500 रुपए के नोट ही चल सकते हैं। वह भी सिर्फ 15 दिसंबर तक। वहीं 1000 के नोटों को अब बैंक में ही जमा करवाना होगा।

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बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लाइन खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आम लोगों के अलावा विपक्षी दल भी सरकार को निशाने पर लेने का मौका नहीं छोड़ रहे। संसद में शीतकालीन सत्र की कार्यवाही भी इस वजह से नहीं हो पा रही। आठ दिन से संसद में हंगामे के अलावा कोई काम नहीं हुआ है। विपक्षी दल लगातार पीएम मोदी को संसद में आकर बहस करने की चुनौती दे रहे हैं।

(जनसत्ता के सौजन्य से खबर)