
दशहरा चल समारोह में चलते हैं सबसे आगे
स्थानीय कमेटी द्वारा चल समारोह निकाला जाता है तो उसमें सबसे आगे मुखौटा धारण किए हुए हनुमानजी चलते हैं। इस दौरान उनकी सुध-बुध ही अलग तरह की होती है। शाम पांच बजे से शुरू हुआ दशहरा उत्सव रात 12 बजे तक चलता है। 50 किलो का मुखौटा पहन हनुमानजी रावण से करीब एक घंटा युद्ध करते हैं। उनका श्रृंगार चमेली के तेल और भगवान श्री हनुमान जी पर चढ़ाए जाने वाले सिंदूर से किया जाता है। पैरों में घुंघरु बांध दिए जाते हैं। नंगे पैर ही शोभायात्रा का पूरा सफर तय करना होता है, चाहे वह कितने ही किलोमीटर की दूरी का क्यों न हो।




































































