दशहरे की धूम भारत के हर कोने में दिखाई देती है। लेकिन क्या आपको पता है पाकिस्तान में दशहरा किस प्रकार मनाया जाता है। हिंदुस्तान के बंटवारे से पहले पाकिस्तान के मुलतान में दशहरा धूमधाम से और एक अलग ही तरह से मनाया जाता था। आज पाकिस्तान के मुलतान के हालात ऐसे नहीं हैं। अब वहां सिंधी और हिंदू तो हैं पर त्योहार मनाने की पूरी आजादी नहीं है।
विभाजन के बाद पाकिस्तान के मुलतान से भारत आए कुछ लोग मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बस गए। उन्होंने वहां की दशहरा की परंपरा को करीब छह दशक पहले यहां शुरू किया। रायसेन और औबेदुल्लागंज में पाकिस्तान के मुलतान में जिस तरह दशहरा मनाया जाता था ठीक उसी तरह अब यहां मनाया जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि विभाजन के बाद कुछ परिवार पाकिस्तान के मुलतान से यहां आए, इनको सरकार ने यहां बसाया था। 1947 के कुछ साल बाद इन परिवारों ने यह परंपरा शुरू की। उस दौर में विस्थापित परिवार के सदस्य ही पाकिस्तानी रीति-रिवाज से दशहरा मनाते थे। बाद में इस परंपरा ने स्थानीय रूप ले लिया और यहां के लोग इसको निभाने लगे।
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