नई दिल्ली। संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद स्थित अपने-अपने उच्चायोग से एक-दूसरे के एक-एक कर्मचारी को अवांछित व्यक्ति घोषित करके उनसे 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा है। यह कदम भारतीय पुलिस के आईएसआई द्वारा संचालित जासूसी गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद उठाया गया, जिसमें पाकिस्तानी उच्चायोग का एक कर्मचारी शामिल था।
भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में वीजा सेक्शन में काम करने वाले महमूद अख्तर को कूटनीतिक छूट हासिल थी। वह अपने दो साथियों से भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ कर्मियों की तैनाती समेत गंभीर विवरण हासिल कर रहा था। उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार किया गया।
जासूसी गिरोह का सरगना 35 वर्षीय अख्तर पाकिस्तानी सेना के बलूच रेजीमेंट से जुड़ा है और वह 2013 से जासूसी एजेंसी आईएसआई में प्रतिनियुक्ति पर था। जांच अधिकारियों ने कहा कि वे पाकिस्तानी उच्चायोग के और लोगों की संभावित संलिप्तता की भी जांच कर रहे हैं।
अख्तर और दो अन्य सुभाष जांगीड़ और मौलाना रमजान को दिल्ली चिड़ियाघर से गुरुवार(27 अक्टूबर) सुबह 10 बजे के करीब पकड़ा गया। अख्तर को तकरीबन तीन घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, क्योंकि उसे कूटनीतिक छूट हासिल थी।
चौथे व्यक्ति शोएब को राजस्थान पुलिस ने शाम को हिरासत में लिया और उसे दिल्ली लाया जा रहा है। शोएब जोधपुर में रहने वाला एक पासपोर्ट और वीजा एजेंट है। भारत ने अख्तर से 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि ‘‘विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया तथा उन्हें सूचित किया कि भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मी को जासूसी की गतिविधियों में पकड़ा है तथा उसे अवांछित व्यक्ति घोषित किया जा रहा है।’’
स्वरूप ने कहा कि ‘‘पाकिस्तान उच्चायोग को सूचित किया गया है कि महमूद अख्तर एवं उसके परिवार को 29 अक्तूबर तक पाकिस्तान लौट जाना चाहिए। विदेश सचिव ने पाक उच्चायुक्त को कड़ाई से यह अवगत कराया है कि पाक उच्चायोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका कोई भी सदस्य भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण गतिविधियों में संलिप्त न हो अथवा इस तरह से बर्ताव न करे जो उनके राजनयिक दर्जे के अनुरूप न हो।’’
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