‘पाकिस्तानी उच्चायोग के 16 और कर्मचारी जासूसी रैकेट में शामिल’

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। भारत द्वारा जासूसी के लिए हाल में निष्कासित पाकिस्तानी उच्चायोग कर्मचारी ने 16 अन्य ‘‘कर्मचारियों’’ के नाम लिये हैं, जो कथित तौर पर जासूसी गिरोह में शामिल थे।

जांच से अवगत पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस और गुप्तचर एजेंसियों की ओर से उससे की गई संयुक्त पूछताछ में निष्कासित पाकिस्तानी उच्चायोग कर्मचारी महमूद अख्तर ने दावा किया कि उच्चायोग के 16 अन्य कर्मचारी सेना और बीएसएफ की तैनाती संबंधी संवेदनशील सूचना एवं दस्तावेज निकलवाने के लिए जासूसों के सम्पर्क में हैं।

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अधिकारी ने कहा कि उसके दावों की अभी जांच की जा रही है और यदि सही पाया गया तो पुलिस मामले को आगे बढ़ाने के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिख सकती है।

अपराध शाखा की टीमें राजस्थान में छापेमारी कर रही हैं, ताकि उन स्थानीय व्यक्तियों को पकड़ा जा सके जो अख्तर को गोपनीय दस्तावेज और सूचना मुहैया करा रहे थे। अख्तर कथित तौर पर जासूसी गिरोह चला रहा था।

सूत्रों ने कहा कि अपराध शाखा की दो टीमें वर्तमान समय में अन्य गिरफ्तार आरोपियों- मौलाना रमजान, सुभाष जांगीर और शोएब के साथ राजस्थान में हैं, ताकि उन अर्धसैनिक कर्मियों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके जो उन्हें सूचना लीक करने में शामिल हो सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है और वर्तमान में उनसे पूछताछ की जा रही है।

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उन्होंने कहा कि ‘संदेह है कि कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी गिरफ्तार जासूसों के संपर्क में थे.’ सपा के राज्यसभा सांसद मुनव्वर सलीम के निजी सहायक फरहत खान को गत सप्ताह जासूसी गिरोह के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तानी उच्चायोग कर्मचारी यहां 26 अक्टूबर को गोपनीय दस्तावेज हासिल करते हुए पकड़ा गया था।

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अख्तर के साथ राजस्थान के नागौर निवासी रमजान और जांगीर भी पकड़े गए थे। अन्य आरोपी शोएब को जोधपुर में हिरासत में लिया गया था और पुलिस उसे दिल्ली लेकर आई थी, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।