जब उनसे पूछा गया कि नागरिकों के किन अधिकारों को लेकर वह चिंतित हैं या कौन से अधिकार खतरे में हैं, जवाब में नरीमन ने कहा, ‘‘संविधान खतरे में है। उत्तर प्रदेश में बड़ी चुनावी जीत के बाद एक महंत को प्रधानमंत्री के कहने पर मुख्यमंत्री बना दिया गया। यह एक संकेत है और यदि आप इसे देख नहीं पा रहे तो या तो आप राजनीतिक दलों के प्रवक्ता हैं या आपको अपने दिमाग और आंखों की जांच करानी चाहिए।’’
नरीमन ने प्रधानमंत्री को अत्यंत उर्जावान बताते हुए उनकी तारीफ की लेकिन साथ ही कहा कि वह प्रधानमंत्री की सभी नीतियों को स्वीकार नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘‘आपको प्रधानमंत्री की यह बात माननी होगी। वह काफी हद तक स्पष्टवादी हैं। वह शब्दों को तोड़ तोड़कर नहीं बोलते और उनकी उर्जा विलक्षण और असाधारण है। मैंने ऐसा व्यक्ति नहीं देखा। लेकिन मैं प्रधानमंत्री की सारी नीतियों को स्वीकार नहीं करता।’’