हनोई। भारत और वियतनाम ने अपने सामरिक संबंधों को और मजबूत बनाने का संकेत देते हुए रक्षा, आईटी, अंतरिक्ष, दोहरे कराधान से बचाव और मालवाहक पोतों संबंधी वाणिज्यिक नौवहन सूचना साझा करने समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 12 समझौतों पर आज हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम में उनके समकक्ष न्गुयेन शुयान फुक की मौजूदगी में दोनों पक्षों के अधिकारियों ने यहां समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
भारत और वियतनाम ने अपने सामरिक संबंधों को और मजबूत बनाने का संकेत देते हुए रक्षा, आईटी, अंतरिक्ष, दोहरे कराधान से बचाव और मालवाहक पोतों संबंधी वाणिज्यिक नौवहन सूचना साझा करने समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 12 समझौतों पर आज हस्ताक्षर किए।
A renewed warmth with Vietnam. PM @narendramodi and PM Nguyen Xuan Phuc meet for a tete-a-tete before formal talks pic.twitter.com/Ife452Rddp
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 3, 2016
पिछले 15 सालों में इस कम्युनिस्ट देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दाई क्वांत ने किया। भूरी जैकेट के साथ सफेद चूड़ीदार कुर्ता पहने मोदी को इसके तत्काल बाद भवन के पास स्थित उस पारंपरिक मकान में ले जाया गया जहां वियतनाम के प्रिय नेता हो ची मिन्ह 1958 से 1969 के दौरान रुके थे। उन्हें वियतनाम के राष्ट्रपति ने भवन दिखाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम में उनके समकक्ष न्गुयेन शुयान फुक की मौजूदगी में दोनों पक्षों के अधिकारियों ने यहां समझौतों पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘मित्रता के लिए 12 समझौते। भारत और वियतनाम ने सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किए।’ वियतनाम ने हवाई एवं रक्षा संबंधी उत्पादन में गहरी रुचि दिखाई है। भारत की एल एंड टी वियतनाम के तटरक्षक बल के लिए उच्च गति वाली अपतटीय गश्ती नौकाओं का निर्माण करेगी। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मामलों में सहयोग के कार्यक्रम संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
भारतीय नौसेना एवं वियतनाम की नौसेना मालवाहक पोतों संबंधी वाणिज्यिक नौवहन (व्हाइट शिपिंग) सूचना के आदान प्रदान में सहयोग करेंगी। इस दौरान जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, उनमें शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष के उपयोग एवं खोज संबंधी समझौते, स्वास्थ्य सहयोग, आईटी सहयोग, साइबर सुरक्षा, दोहरे कराधान से बचाव संबंधी समझौते और भारत में नौका निर्माण, डिजाइन, यंत्र आपूर्ति एवं तकनीक हस्तांतरण संबंधी समझौते शामिल हैं।
इसके अलावा वियतनामीज अकेडमी ऑफ सोशल साइंसेस और विश्व मामलों की भारतीय परिषद के बीच एक समझौता पत्र, मानकों की आपसी मान्यता के लिए बीआईएस और एसटीएएमईक्यू के बीच समझौता पत्र, उन्नत आईटी प्रशिक्षण के लिए स्थायी आईटी बुनियादी सुविधाओं की स्थापना संबंधी समझौते और वर्ष 2017 को ‘मित्रता वर्ष’ के तौर पर मनाने के लिए भारत एवं वियतनाम के बीच प्रोटोकॉल पर भी हस्ताक्षर किए गए।
Here's a short video of the ceremonial reception for PM @narendramodi at the Presidential Palace in Hanoi pic.twitter.com/h4FlGdLa0P
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 3, 2016
पीएम मोदी का पहला पड़ाव वियतनाम है। यहां से वह 3 सितंबर को हांगझोउ के लिए रवाना होंगे और चार-पांच सितंबर को वहां जी-20 के सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री 5 सितंबर को भारत लौटेंगे और फिर वार्षिक भारत-आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलन में शामिल होने के लिए दो दिन की लाओस यात्रा पर जाएंगे।
वियतनाम में मोदी इस संसाधन संपन्न देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक वार्ता करेंगे जिनमें रक्षा, सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में संबंध गहरे करना और तेल निकालने में भारत की सहभागिता बढ़ाना शामिल है। भारत का ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तीन दशक से अधिक समय से वियतनाम में तेल निकालने की परियोजनाओं में शामिल है और द्विपक्षीय यात्रा के दौरान क्षेत्र में नई परियोजनाओं की घोषणा हो सकती है जो 15 साल के अंतराल के बाद हो रही है।
जी-20 सम्मेलन में भारत आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और कर चोरी रोकने समेत कई मुद्दे उठा सकता है। सम्मेलन से इतर मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और ब्रिक्स के नेताओं की एक बैठक में हिस्सा लेंगे।