दिल्ली:
भारत ने विश्व समुदाय से आतंकवाद पर एक अंतरराष्ट्रीय समझौते को अपनाने में तेजी लाकर आतंकवाद के बढ़ते खतरे से लड़ने के लिए प्रयासों को ‘‘बढ़ाने’’ को कहा है।
भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को इसके खतरे की ‘‘गंभीरता’’ को मानना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के मिशन के वरिष्ठ अधिकारी श्रीनिवास प्रसाद ने यहां कहा कि आतंकवाद का सबसे पुराना पीड़ित होने के नाते भारत संयुक्त राष्ट्र और इसके सदस्यों से गुजारिश करता है कि इस खतरे की गंभीरता को स्वीकारें और वैश्विक शांति के लिए इस अभिशाप से लड़ने की हमारी कोशिशों को व्यावहरिक और निरंतर तरीके से बढ़ाएं।
मिशन की वेबसाइट पर डाली गई टिप्पणी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि प्रस्तावित आतंकवाद पर वैश्विक संधि ‘अतंरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते’ पर हस्ताक्षर करने की एक प्रतिबद्धता है जिस पर काफी चर्चा हुई है। यह इस दिशा में आगे की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
‘कल्चर ऑफ पीस’ पर एक उच्च स्तरीय फोरम को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कल कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ आज वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है तथा समाजों और यह वैश्विक व्यवस्था को ‘‘अस्थिर’’करता है।
उन्होंने कहा कि इस खतरे को दुनिया के एक हिस्से में रोका नहीं जा सकता है और यह दुनिया के सभी भागों में फैलेगा। यूरोप, अफ्रीका, तुर्की, बांग्लादेश और आफगानिस्तान में हाल हुए आतंकी हमले यह दर्शाते हैं।