दिल्ली: हंगरी ने अपने रक्षा उद्योग को पुन:जीवित करने के लिए आज भारत का सहयोग मांगा और कहा कि उसने दोनों देशों के बीच सहयोग के अवसर तलाशने हेतु प्रौद्योगिकी पर संयुक्त कार्यसमूह का गठन किया है।
हंगरी के दौरे पर आए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान ने कहा कि रक्षा संवेदनशील मामला है और बुडापेस्ट अपने रक्षा उद्योग को पुन:जीवित करने के लिए भारतीय निवेश की आशा कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत की भागीदारी के साथ हंगरी के रक्षा उद्योग को फिर से खड़ा करने की आशा में हैं।’’ ओर्बान ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए हंगरी ने प्रौद्योगिकी पर एक कार्यसमूह का गठन किया है।
इसबीच भारत के फिल्म उद्योग का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के फिल्म उद्योग को पुन:जीवित करने में वह बॉलीवुड की भी मदद चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच फिल्म उद्योग में सहयोग की संभावनाएं देखने के लिए जल्दी ही हंगरी का एक प्रतिनिधिमंडल भारत जाएगा।
एक नयी परियोजना में अपोलो टायर्स द्वारा 47.5 करोड़ यूरोप के निवेश के संदर्भ में ओर्बान ने कहा कि यह हंगरी में हुए सबसे बड़े विदेशी निवेशों में से एक है।
अंसारी की हंगरी यात्रा से करीब दो दशक पहले 1993 में राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा इस मध्य यूरोपीय देश की यात्रा पर आए थे।
मध्य यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के दो देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर गए अंसारी तीन दिनों तक हंगरी में रूकने वाले हैं। वह कल ही हंगरी पहुंचे। हंगरी के बाद वह अल्जीरिया रवाना होंगे।