मंत्री पद से हटाए जाने के बाद आप विधायक कपिल मिश्रा के बगावती तेवर जारी हैं। आज कपिल मिश्रा वाटर टैंकर घोटाले को लेकर एसीबी (एंटी करप्शन ब्रांच) के दफ्तर जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान कपिल मिश्रा टैंकर घोटाले से जुड़े कुछ लोगों के नाम ACB को बताएंगे। कपिल ने बताया कि वो टैंकर घोटाले को लेकर ACB में दो लोगों के नाम देंगे। कपिल ने अशीष तलवार और विभव पटेल के नाम एसीबी को देने का ऐलान किया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पहली बार रिश्वतखोरी का आरोप लगा है। आम आदमी पार्टी से बड़े बेआबरू होकर निकाल दिए गए योगेंद्र यादव को भी इस आरोप पर यकीन नहीं हो रहा है। कपिल मिश्रा के साथ खड़े कुमार विश्वास भी कन्नी काट गए। लेकिन इस कलंक कथा में एक किरदार ऐसा है जिसका बार-बार जिक्र हो रहा है, वो किरदार हैं सत्येंद्र जैन। जिन के सिर पर केजरीवाल इतनी मजबूती से हाथ रखे हुए हैं कि सबको हैरानी हो रही है।
सवाल ये है कि क्या केजरीवाल को सत्येंद्र जैन की करनी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि सच यही है कि केजरीवाल पर रिश्वतखोरी के आरोप पर ना तो योगेंद्र यादव यकीन कर रहे हैं ना कुमार विश्वास जबकि सत्येंद्र जैन पर बीजेपी के हमले की धार केजरीवाल से भी ज्यादा तेज है।
केजरीवाल पर कपिल के आरोपों की झड़ी
कपिल मिश्रा ने पार्टी में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा, “मंत्री सत्येंद्र जैन ने अरविंद केजरीवाल को परसों (5 मई) 2 करोड़ रुपए कैश दिए। मैंने अपनी आंखों से देखा। उस वक्त मैं उनके घर पर ही मौजूद था।” रविवार को राजघाट पर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और एलजी अनिल बैजल से भी मुलाकात की थी। एलजी से मिलने के बाद ट्वीट किया, “चुप रहना असंभव था। एलजी को सब बता दिया। मैंने उन्हें गलत तरीके से पैसे लेते देखा।” मुझपर कभी आरोप नहीं लगे…
कपिल ने कहा, “मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर आया, यहां ऊर्जा मिलती है। आम आदमी पार्टी हमारी, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। हमने संघर्ष किया है तब यह पार्टी बनी। इसके लिए लाठी-डंडे खाए हैं। कभी इसे छोड़कर नहीं जाएंगे। कुछ गंदगी आ गई है उसे बाहर करना है। न मुझे कोई बाहर निकाल सकता है और न मैं इसे छोड़ूंगा।”
“मंत्री बनने के बाद मैंने एक महीने के भीतर शीला दीक्षित के खिलाफ 400 करोड़ के वाटर टैंकर घोटाले की रिपोर्ट तैयार की। उसके बाद क्या हुआ ये सबने देखा। ऐसा नहीं है कि मैं मंत्री पद से हटने के बाद बोल रहा हूं। बोलने के बाद मुझे हटाया गया।”
”कैबिनेट का अकेला मंत्री हूं, जिस पर करप्शन का कोई आरोप नहीं लगा। कल जब तक मैंने एंटी करप्शन ब्यूरो को लेटर नहीं लिखा। तब तक पानी की परेशानी की बात क्यों सामने नहीं आई थी?”
“मैं एलजी से मिला। मैंने संविधान की शपथ ली है, तो ये जिम्मेदारी बनती है कि जो मैंने आंखों से देखा, उसे उन्हें बताऊं। हम गड़बड़ी के मामलों की शिकायतों के लिए केजरीवाल पर भरोसा करते थे। चाहे वो रिश्तेदारों को पद देना, मनी लॉन्ड्रिंग या फंड में गड़बड़ी के आरोप हों।”
कपिल के आरोपों के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सामने आए। कहा- “जिस तरह से उन्होंने बेबुनियाद आरोप लगाए, वो तो जवाब देने के लायक भी नहीं हैं। कोई इन पर विश्वास नहीं करेगा।” बता दें शनिवार को केजरीवाल ने कपिल को जलमंत्री के पद से हटा दिया था।