दिल्ली:
केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आयोजित एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से व्यापार, परिवहन और कई अहम विनिर्माण कारखानों और बैंकिंग सेवाओं पर प्रभाव पड़ा है जिससे कि 16,000 से 18,000 करोड़ रुपये के अनुमानित कारोबार का नुकसान हुआ है। उद्योग मंडल एसोचैम ने यह अनुमान व्यक्त किया है।
हड़ताल से देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है। सबसे ज्यादा असर बैंकिंग, परिवहन और कोयला खनन के क्षेत्र पर रहा है। जबकि हरियाणा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया गया।
उद्योग संगठन एसोचैम के अनुसार कई सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के कारखानों में उत्पादन ठप होने की रिपोर्ट मिली है। परिवहन सेवाओं के थमने से आर्थिक वृद्धि की गति को नुकसान होगा।
एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, ‘‘व्यापार, परिवहन और होटल एवं रेस्त्रां देश की जीडीपी का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जीडीपी और जीवीए का अन्य प्रमुख हिस्सा वित्तीय सेवायें हैं जिनमें बैंकिंग आदि शामिल हैं। हड़ताल के कारण इन दोनों ही क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ा है।’’ उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों के लिये सबसे बेहतर यही होगा कि वह सरकार के साथ बातचीत की मेज पर बैठकर मुद्दों को सुलझाने के लिये मध्यमार्ग पर पहुंचे।