नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार(23 अगस्त) को पार्टी कोर ग्रुप की बैठक में भाजपा नेताओं को संबोधित करते हुए उन्हें राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पुरजोर शब्दों में कहा कि राष्ट्रवाद भाजपा की पहचान है।
भाजपा की राज्य इकाइयों के कोर समूहों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी नेताओं द्वारा आयोजित सप्ताह भर की ‘तिरंगा यात्रा’’ ने देशभर में अच्छा प्रभाव पैदा किया।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘‘यात्रा’ एक ऐसे समय में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और समरसता की भावना के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है, जब विरोधी ताकतें इनके खिलाफ सक्रिय हों। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया को यह जानकारी दी।
भगवा पार्टी ने कश्मीर में जारी अशांति, बेंगलुरू में एमनेस्टी के एक कार्यक्रम को लेकर पैदा विवाद और जेएनयू मामले की पृष्ठभूमि में राष्ट्रवाद का बिगुल बजाया है। हालांकि प्रधानमंत्री ने इनमें से किसी मुद्दे का सीधा जिक्र नहीं किया, लेकिन उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि राष्ट्रवाद पार्टी की पहचान रही है।
भाजपा ने बाद में प्रधानमंत्री के हवाले से जारी एक बयान में कहा कि हम लगातार विकास के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन यहां कुछ ऐसे तत्व हैं जो इसे पसंद नहीं करते। वे हमारा तथा लोगों का ध्यान बंटाना चाहते हैं। हमें आम आदमी को यह समझाना होगा कि हमारा एकमात्र मकसद राष्ट्र निर्माण है।
मोदी ने पार्टी नेताओं से कहा कि वे समाज के सभी वर्गो से जुड़ने और उनके लिए काम करने के सजग प्रयास करें। उन्होंने साथ ही इस बात को रेखांकित किया कि सरकार गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी के प्रमुख विचारक दीनदयाल उपाध्याय के 25 सितंबर से शुरू हो रहे जन्मशती समारोह के संबंध में मोदी ने कहा कि सरकार उनके ‘अंतोदय’ के सपने को साकार करने के लिए गरीब समर्थक योजनाओं पर काम जारी रखेगी।
सूत्रों ने बताया कि मोदी ने भाजपा नेताओं से भी कहा कि वे सृजनात्मक तरीके से काम करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पार्टी नेता विपक्ष में रहते हुए काम करते थे, उन्हें सत्ता में रहने पर उसे बदलना होगा।