दिल्ली
नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय ने आज कहा कि नेपाली सरकार को बनाने या गिराने में भारत का कोई हाथ नहीं रहा है और ऐसा आरोप बिलकुल निराधार है। राय ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर कर विकास परियोजनाओं में नेपाल के साथ काम करना चाहता है।
हिमालयन टाइम्स ने राय के हवाले से बताया कि नेपाल में सरकार बनाने या गिराने में भारत का कोई हाथ नहीं रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेपाल की यात्रा करेंगे। नेपाल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत का जिक्र करते हुए राय ने बताया कि भारत और नेपाल के बड़े शहरों को वायु मार्ग से जोड़ने के लिए शुरूआती काम हो चुका है।
प्रचंड चार अगस्त को नेपाल के नये प्रधानमंत्री चुने गए। केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में राजनीतिक संकट छा गया था। गौरतलब है कि पिछले साल नेपाल का नया संविधान लागू होने और मधेसी आंदोलन को लेकर दोनों देशों के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर है।