इंडियन आर्मी द्वारा पीओके में 29 सितंबर की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बात तो साफ है कि एलओसी क्रॉस करना भारत के लिए अब कोई बड़ी बात नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक करके पीओके में आतंकियों के लॉन्च पैड्स नष्ट करने का तत्कालिक मकसद था पाकिस्तानी सेना के कंफर्ट को तोड़ना।
सर्जिकल स्ट्राइक का लॉन्ग टर्म में मकसद था कि पाकिस्तान को यह संदेश देना कि उसे अब भारतीय सेना के इस रवैये के साथ अजस्ट करना होगा। अब अगर पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया जाता है या आतंकियों द्वारा किसी भी तरह का हमला होता है तो भारत भी उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
तीसरी बात यह कि अगर अब भारत पर हमला होता है तो वह एलओसी की परवाह नहीं करेगा। उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान को भारत की ओर जवाबी कार्रवाई की आशंका तो थी। इसीलिए उसने अपनी चौकियों पर सुरक्षा बढ़ा दी थी लेकिन भारत ने उसके अनुमान से आगे जाकर पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे दिया।
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