सुप्रीम कोर्ट की दो टूक-‘जब तक कश्मीर में होती रहेगी पत्थरबाजी, तब तक जारी रहेगा पैलेट गन का प्रहार’

0
सुप्रीम कोर्ट

कश्मीर में पैलेट गन पर रोक लगाने की मांग करने वालों से सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि पहले वे पत्थरबाजी और हिसक प्रदर्शन रोकें, तभी इस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। सर्वोच्च अदालत ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन से कहा कि वह पुलिस और सीआरपीएफ को दो हफ्ते तक पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दे सकती है। लेकिन शर्त ये होगी कि उन्हें भी यह वादा करना होगा कि प्रदर्शनकारी इस दौरान पत्थरबाजी नहीं करेंगे।

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी लगा रखी है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर की बेंच ने की। बेंच ने बार एसोसिएशन से मसले को सुलझाने के उपाय लाने को कहा है। इसमें पत्थरबाजी और हिंसक प्रदर्शन रोकने के उपाय भी पूछे हैं। कोर्ट ने उन लोगों के नाम भी मांगे हैं जिनसे केंद्र सरकार बात कर सकती है। कोर्ट ने ये भी कहा है कि केंद्र एसोसिएशन द्वारा सुझाए लोगों से तभी बात करेगी जब वो लोग पहल करेंगे।

इसे भी पढ़िए :  BJP को झटका: मायावती को SC से राहत, धर्म और जाति के आधार पर टिकट देने वाली याचिका खारिज

ससे पहले बार एसोसिएशन ने दलील दी कि केंद्र सरकार बातचीत से कश्मीर मसले का हल निकालने के लिए कदम नहीं बढ़ा रही है। कोर्ट ने बार एसोसिएशन से शांति बहाली के लिए गेमप्लान और रोडमैप मांगा है। साथ ही यह साफ किया है कि कोर्ट तभी दखल देगा जब उसकी जरूरत होगी और कोई कानूनी बाधा नहीं होगी। अगर अदालत को लगा कि ऐसा नहीं है तो वह तुरंत फाइल बंद कर देगी।

इसे भी पढ़िए :  दया ठीक है, लेकिन आवारा कुत्तों को समस्या बनने नहीं दिया जा सकता: SC

आपको बता दें कि याचिकाकर्ता की मांग थी कि संघर्ष विराम हो। एएसपीएफए हटाया जाए और पैलेटगन का इस्तेमाल रुके। कोर्ट ने कहा कि जब लगातार पत्थरबाजी हो, सड़क और स्कूल बंद रहें तो ऐसे में क्या हो सकता है। पहले ये विरोध प्रदर्शन बंद करो तभी बातचीत हो सकती है।

इसे भी पढ़िए :  महबूबा ने राज्य में शांति के लिए राजनीतिक नेतृत्व से सहयोग मांगा

क्या है पैलेट गन

पैलेट गन को फौजी भाषा में पंप एक्शन गन कहा जाता है। एक बार फायर करने पर इससे सैकड़ों छर्रे निकलते हैं, जो रबर और प्लास्टिक के होते हैं। ये छर्रे जहां लगते हैं, शरीर के उस हिस्से में चोट लग जाती है। अगर आंख में लग जाए, तो वह काफी घातक होता है। छर्रे जब शरीर के अंदर जाते हैं तो काफी दर्द होता है। पूरी तरह ठीक होने में कई दिन लग जाते हैं।