सार्क सम्मेलन में गुरुवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को लेकर खरी-खोटी सुनाई। इससे पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह के भाषण के मीडिया कवरेज पर ही रोक लगा दी। राजनाथ सिंह सार्क सम्मेलन के लंच में भी शामिल नहीं हुए। गृह मंत्री स्वदेश लौट चुके हैं
सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए राजनाथ ने गुरुवार को कहा कि आतंकवादियों को शहीदों की तरह पेश करके उनका महिमा मंडन न किया जाए। राजनाथ के मुताबिक, गुड या बैड टेररिस्ट नहीं होता। टेररिस्ट बस टेररिस्ट होता है। सिंह ने कहा, ‘न केवल आतंकवादियों बल्कि आतंक का समर्थन करने वाले संगठनों, लोगों और देशों के खिलाफ भी कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।’ दरअसल, राजनाथ का इशारा पाकिस्तान की ओर से हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को शहीद घोषित करने और उसकी हत्या के विरोध में काला दिवस मनाने की ओर था। 8 जुलाई को कश्मीेर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में वानी मारा गया था।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद और आतंकवादियों की केवल निंदा करना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने सख्त लहज़े में परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि जो लोग आतंकवादियों और आतंकवाद को सहयोग, प्रोत्साहन, शरणस्थल, सुरक्षित पनाहगाह और सहायता मुहैया कराते हैं उन्हें अलग-थलग किया जाना चाहिए।
मीडिया कवरेज नहीं
इस मीटिंग के लिए पाकिस्तान में किसी तरह के मीडिया कवरेज का इंतजाम नहीं था। राजनाथ ने जब यह बयान दिया तो पाकिस्तान के किसी चैनल पर इसे नहीं दिखाया गया। न केवल भारतीय मीडिया, बल्कि पाकिस्तानी चैनलों को भी राजनाथ के भाषण का लाइव टेलिकास्ट नहीं करने दिया गया। इसके अलावा, गृह मंत्रियों के प्रेस से बातचीत का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया। जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि राजनाथ की बातों को ज्यादा तवज्जो मिले। वहीं, इस बैठक से पहले पाकिस्तान और भारत के गृहमंत्री ने बड़ी मुश्किल से हाथ मिलाया। राजनाथ और चौधरी निसार अली खान ने बस एक दूसरे का हाथ छूकर औपचारिकता पूरी की।