कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सफाई मांगी है। राहुल ने कहा था कि वह महात्मा गांधी की हत्या से आरएसएस के जुड़ाव पर उनके द्वारा कहे गए ‘हर एक शब्द पर’ कायम हैं। संघ ने उनसे कहा है कि वह किन ‘शब्दों’ पर कायम है, यह साफ करें। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ”वे किन शब्दों पर कायम हैं- जो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहे या सार्वजनिक मंच से भाषण के दौरान बोले।” 2014 लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान महाराष्ट्र की एक रैली में ”आरएसएस के लोगों ने गांधीजी को मारा” वाले बयान पर ‘खेद जताने’ से बार-बार इनकार करने के बाद, राहुल गांधी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उन्होंने ‘कभी भी एक संस्था के तौर पर आरएसएस को अपराध के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया।’ हालांकि उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ”मैं आरएसएस के वैमनस्यपूर्ण और विभाजनकारी एजेंडा के खिलाफ हमेशा लड़ता रहूंगा। मैंने जो कहा, उसके एक एक शब्द पर कायम हूं।”
राहुल गांधी से बिना शर्त माफी की मांग करते हुए वैद्य ने एक अखबार का उदाहरण दिया जिसने आरएसएस के बारे में बताते हुए लिखा था, ”गांधी को मारने वाली संस्था।” वैद्य ने कहा, ”द स्टेट्समैन ने 2000 में यह संपादकीय प्रकाशित किया था। जब अदालत में वह तथ्य गलत और आधारहीन साबित हो गया, तब उन्होंने माफी मांगी।” आरएसएस ने भी एक आधिकारिक बयान में द स्टेट्समैन की माफी का जिक्र किया था। उस बयान में द स्टेट्समैन की माफी का जिक्र करते हुए आरएसएस ने कहा था, ”यह गलत था और फैक्ट्स व रिकॉर्ड, दोनों इस तथ्य के साथ नहीं थे। हम प्रकाशन के लिए खेद व्यक्त करते हैं और संस्था के सदस्यों को जो भी क्षोभ और आघात पहुंचा है, उसके लिए माफी मांगते हैं।”
वैद्य ने पूछा है, ”क्या राहुल गांधी और उनकी पार्टी में सत्य के प्रति इतनी इज्जत है कि वे ऐसा माफीनामा लिखित में दे सकें और यह गारंटी ले सकें कि वह या उनकी पार्टी भविष्य में झूठ नहीं बोलेगी।”