बीसीसीआई में सुधारों के संबंध में जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दायर की गई बोर्ड की पुनर्विचार याचिका मंगलवार को खारिज हो गई। गौरतलब है कि 18 जुलाई को सर्वोच्च कोर्ट ने बीसीसीआई को जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने का फैसला सुनाया था, जिस पर BCCI ने 16 अगस्त को पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चैंबर में फैसला किया है। यह फैसला सीजेआई टीएस ठाकुर और जस्टिस एसए बोबड़े की बेंच ने दिया।
याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर फिर से विचार करे और इसके लिए पांच जजों की बेंच बनाई जाए। यह भी मांग की थी कि बेंच में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर न हों। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का फैसला कई मायनों में सही नहीं है। जस्टिस लोढ़ा पैनल न तो खेल के विशेषज्ञ हैं और न ही उनकी सिफारिशें सही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पैनल का गठन कर एक तरह से अपने फैसले की आउटसोर्सिंग की है। बीसीसीआई के लिए संसद में कोई कानून नहीं बनाया जा सकता।