उड़ी अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए सार्क की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान भी सम्मेलन में जाने से इनकार कर चुके हैं। सभी ने कमोबेश इसके लिए पाकिस्तान से फैलाए जा रहे आतंकवाद को जिम्मेदार माना था। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, ‘हमें खेद है कि इस्लामाबाद में 9 और 10 नवंबर सार्क सम्मेलन आयोजित करने के लिए उचित माहौल नहीं है। दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग सफल हो, इसके लिए शांति और सुरक्षा जरूरी तत्व हैं। हमें उम्मीद है कि इसे सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। श्रीलंका आतंकवाद की हर रूप में निंदा करता है। दक्षिण एशिया में आतंकवाद पर सख्ती से निपटना होगा।’
सार्क सम्मेलन टला नहीं है, बल्कि रद्द हो गया है। यह कहना है पाकिस्तानी मीडिया का, जिसने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन अब अगले साल होने की भी उम्मीद नहीं है। अगर पाकिस्तान इसका मेजबान बनने से पीछे हट जाए, तभी अगली बैठक का भविष्य साफ हो सकेगा। 1985 में बने सार्क के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल मीडिया ने यह खबर दी थी इस साल नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाला सार्क सम्मेलन टाल दिया गया है। नियमों के मुताबिक अगर एक भी सदस्य सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेता है तो इसे स्थगित करना पड़ता है। नेपाल के पीएम ने गुरुवार को सार्क के नियमों में बदलाव की मांग की है।