केन्द्र सरकार गंगा को लेकर कितनी सतर्क है। इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सत्ता में आते ही बीजेपी सरकार ने गंगा के लिए अलग से मंत्रालय का निर्माण किया। यही नहीं गंगा पर बने मंत्रालय के लिए सरकार ने भारी-भरकम बजट भी रखा है। और कई नई योजनाओं की शुरूआत की है। इन योजनाओं के तहत गंगा को फिर से निर्मल और अविरल किया जाएगा। ऐसे में गंगा को मैली करने वालों के खिलाफ सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है। और इस बात का ऐलान किया है खुद गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने।
अब गंगा में उद्योगों का गंदा पानी डालने वाले जेल जाएंगे। अब तक बडे़-बडे़ उद्योग गंगा का साफ पानी लेते हैं और गंदा पानी बिना साफ किए नदी में डाल देते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। गंगा में उद्योगों का गंदा पानी डालने वालों को जेल की हवा खानी पडे़गी। यह बात केंद्रीय जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कही।
दरअसल उमा भारती गुरुवार को हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में नमामि गंगे कार्यक्रम की शुरुआत कर रही थीं। भारती ने कहा कि केंद्र सरकार गंगा एक्ट बनाने पर विचार कर रही है। जिस पर सभी राज्यों ने अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि इस गंगा एक्ट का मसविदा तैयार कर सभी राज्यों को भेजा जाएगा। और फिर उसे संसद में पास करके गंगा एक्ट लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा का जल अक्तूबर 2018 तक अविरल और निर्मल कर दिया जाएगा।
उमा भारती कहा कि गंगा सफाई अभियान की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने त्रिस्तरीय कार्ययोजना बनाई है, जिसमें गंगा के तटवर्ती राज्यों को गंगा एक्शन प्लान में कोई पैसा नहीं लगाना होगा। दूसरा गंगा सफाई परियोजना के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है। तीसरा हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना को लेकर आज का दिन ऐतिहासिक है। गुरुवार को हरिद्वार समेत देश में करीब सौ स्थानों पर 1500 करोड़ रुपए की 230 परियोजनाओं का शिलान्यास एक साथ किया गया। इनमें उत्तराखंड की 250 करोड़ की 47 परियोजनाएं शामिल हैं। उमा भारती ने बताया कि गंगा की सफाई के लिए केंद्र सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए का बजट तय किया है।
उन्होंने कहा कि सौ साल पहले देश के संतों और मदन मोहन मालवीय के साथ हरकी पैड़ी में गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर ब्रिटिश हुकूमत ने जो समझौता किया था, वह लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए गंगा की सहायक नदियों को भी स्वच्छ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 29 साल में गंगा की सफाई को लेकर विभिन्न परियोजनाओं में जो चार हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए उन्हें बेकार नहीं होने दिया जाएगा। सात हजार करोड़ रुपए और मिलाकर एक परियोजना और तैयार की जाएगी। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत 1442 छोटे काम और सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का काम इस साल पूरा कर दिया जाएगा।
उमा भारती के मुताबिक केंद्र सरकार गौमुख-गंगोत्री के शुद्ध जल को बोतल में बंद कर देश के लोगों तक पहुंचाने की कार्ययोजना पर विचार कर रही है। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गंगा को उसके मायके उत्तराखंड में बिल्कुल शुद्ध और अविरल-निर्मल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच एनएमसीजी के तहत गंगा कार्ययोजना को लेकर साफ नीति बननी चाहिए, ताकि किसी प्रकार का भ्रम न रहे। उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण करना केंद्र सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि गंगा के काम के लिए एक रोड मैप बनाने की जरूरत है ताकि उस रोडमैप पर राज्य चल सके। उन्होंने कहा कि गंगा में नहाने वालों और गंगा से जुडेÞ शहरों में रहने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। और मानव स्वभाव के चलते गंगा में गंदगी बढ़ रही है। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री महेश शर्मा और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने भी विचार रखे। उमा भारती, नितिन गडकरी, हरीश रावत, रमेश पोखरियाल निशंक और साधु-संतों ने एक साथ दीप जला कर नमामि गंगे परियोजना की शुरुआत की।