मनमानी पर नकेल: प्राइवेट स्कूल अब नहीं वसूल पाएंगे मर्जी से फीस, सरकार से लेनी होगी अनुमति

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सरकारी जमीन पर बनेे प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले दिल्ली सरकार से इजाजत लेनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्राइवेट स्कूलों ने डीडीए से जमीन ली है तो उन्हें नियम का पालन करना होगा और स्कूल फीस बढ़ाने से पहले सरकार की इजाजत लेनी होगी। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्राइवेट स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आप इस तरीके से फीस बढ़ाना चाहते हैं तो डीडीए की जमीन को वापस कर दीजिए।

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दरअसल 19 जनवरी 2016 को दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था कि डीडीए की जमीनों पर बने पब्लिक स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले दिल्ली सरकार से इजाजत लेनी होगी। क्योंकि जमीन देने वक्त ये शर्त रखी गई थी। पब्लिक स्कूलों ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में करीब 400 स्कूल हैं जो डीडीए की जमीन पर चल रहे हैं।

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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जहां एक तरफ पेरेंट्स को राहत हुई है, वहीं स्कूलों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में स्कूलों ने अपनी अपील में हाईकोर्ट के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए कहा था कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन ऐक्ट ऐंड रुल्स 1973 के अनुसार स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने का हक है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निजी स्कूलों की एक ना सुनी और उनके अपील को खारिज कर दिया।

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