केजरीवाल को SC से भी झटका, LG ही रहेंगे दिल्ली के बॉस

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फोटो: साभार

नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल नीत आप सरकार को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार(9 सितंबर) को दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उपराज्यपाल प्रशासनिक प्रमुख हैं, जिनकी सभी प्रशासनिक फैसलों के लिए पूर्व रजामंदी की जरूरत है।

हाई कोर्ट के चार अगस्त के फैसले के खिलाफ आप सरकार की सात अपीलों पर केन्द्र से छह हफ्तों में जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत ने उपराज्यपाल नजीब जंग के उस हालिया फैसले पर भी रोक से इंकार किया, जिसमें दिल्ली सरकार के पिछले आदेशों तथा 400 से अधिक फाइलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।

सरकारी फाइलों की जांच के उपराज्यपाल के हालिया फैसले का जिक्र होने पर न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने कहा कि ‘‘हर दिन कुछ आदेश दिए जाएंगे, हम प्रतिदिन के आधार पर आदेश नहीं दे सकते।’’ पीठ ने कहा, ‘‘कोई रोक नहीं। हम इन मामलों में अंतिम सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तारीख तय करते हैं।’’

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पीठ ने साथ ही अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की इन शुरूआती आपत्तियों पर सहमति नहीं जताई कि कई आधारों पर अपीलों को खारिज किया जाना चाहिए। इसमें से एक आधार यह है कि मुख्य सचिव या सचिव की जगह याचिकाओं का अनुमोदन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के हलफनामा द्वारा किया गया।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने कहा कि मंत्री को हलफनामे पर दस्तखत अदालत के उस फैसले के कारण करने पड़े, जिसमें कहा गया है कि सरकार के हर फैसले में उप राज्यपाल की पूर्व अनुमति होनी जरूरी है।

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उन्होंने कहा कि ‘‘कोई भी सरकारी कर्मचारी इन दस्तावेजों पर दस्तखत करने के लिए तैयार नहीं था।’’ दिल्ली सरकार ने अपीलों की जल्द सुनवाई की मांग की थी जिसके बाद इन पर सुनवाई हुई।

दिल्ली सरकार ने दो सितंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए उसने छह भिन्न याचिकाएं दायर की हैं और राष्ट्रीय राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जो दीवानी मुकदमा दायर किया था उसे वापस ले लिया है। न्यायालय ने आप सरकार को दीवानी मुकदमा वापस लेने की इजाजत दे दी थी। साथ ही इसमें शामिल मुद्दों को विशेष अनुमति याचिकाओं में उठाने की मंजूरी भी दे दी थी।

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शीर्ष अदालत ने आप सरकार से पिछले महीने पूछा था कि दिल्ली को केंद्र शासित और उप राज्यपाल को उसका प्रशासनिक प्रमुख बताए जाने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ क्या वह अपील दायर करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार को विशेष अनुमति याचिका दायर करनी होगी, क्योंकि दीवानी मुकदमा ‘‘निष्फल’’ हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र ने आप सरकार की याचिका का यह कहते हुए जोरदार विरोध किया है कि वह एक ही मामले में राहत के लिए समानांतर उपाय नहीं कर सकती है।