नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार(9 सितंबर) को वर्ष 2002 और 2006 के बीच गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्याओं के संबंध में जारी जांच पूरी करने के लिए विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को तीन और महीने का समय दिया।
शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक समिति की देखरेख में कार्यरत एसटीएफ राज्य में कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच कर रही है। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि 24 में से दो मामलों में जांच की जरूरत है।
पीठ ने कहा कि ‘‘कुछ मामलों की जांच निगरानी समिति की देखरेख में पूरी हो चुकी है, जिसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएस बेदी (शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश) हैं और कुछ मामलों में जांच अभी पूरी होनी बाकी है।’’
पीठ ने कहा कि ‘‘निगरानी समिति की देखरेख में जांच पूरी करने के लिए एसटीएफ को तीन महीने का और समय दिया जाता है।’’ न्यायमूर्ति बेदी को दो मार्च 2012 को राज्य सरकार द्वारा गठित निगरानी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
शीर्ष अदालत ने निगरानी संस्था से उसके सामने गुजरात में 2002 और 2006 के बीच कथित फर्जी मुठभेड़ों के संबंध में शुरूआती रिपोर्ट पेश करने को कहा था। कहा जाता है कि इन कथित मुठभेड़ों में एक खास पैटर्न देखने को मिला कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आतंकवादी के रूप में निशाना बनाया गया।