नई दिल्ली : उपहार कांड मामले के आरोपी अंसल की ओर से पेश सीनियर वकील राम जेठमलानी ने कोर्ट से कहा था कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई गई है, पर राष्ट्रपति अभी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कोर्ट के सामने मांग रखी थी कि जब तक राष्ट्रपति दया याचिका पर फैसला नहीं सुना देते, तब तक सरेंडर करने का वक्त बढ़ाया जाए, लेकिन चीफ जस्टिस खेहर ने साफ कर दिया कि इस मामले में तीन जजों की बेंच के फैसले के बाद अब अदालत इस पर कोई सुनवाई नहीं करेगी। ऐसे में साफ हो गया है कि गोपाल अंसल को अब जेल जाना होगा और बाकी बची सजा काटनी होगी।
इससे पहले 9 मार्च को भी दोषी गोपाल अंसल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर फैसले में संशोधन की याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने समानता के आधार पर सुशील अंसल की तरह जेल से राहत मांगी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर करने की तारीख 20 मार्च कर दी थी।
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