तीन तलाक मामला: मोबाइल, खत, मेल और मैसेज से दिए गए तलाक को भी मिली मान्यता, जरूर पढ़ें

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हरियाणा के मलाई गांव में पंचायत आज

दारुल उलूम के सूत्रों की मानें तो इस फतवे के जारी होने के बाद मलाई गांव में पंचायत भी हुई, जिसमें लड़के पक्ष को कहा गया है कि वह बड़ी पंचायत से पहले पांच लाख रुपये जमा करा दे। इसके बाद ही दूसरी बड़ी पंचायत होगी, जिसमें फैसला सुनाया जाएगा। बीच अपने महिला बच्चों के साथ शौहर के घर में रह पाएगी या नहीं, यह फैसला भी पंचायत करेगी।

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सूत्रों के अनुसार, इस पंचायत के निर्णय के बाद पंचों को नसीम ने लिखकर दिया है कि उसके पास अग्रिम रकम जमा कराने के लिए पांच लाख रुपये का कैश नहीं है।

इस बारे में वह गुरुवार यानी 29 दिसंबर को पंचों के सामने अपना पक्ष रखेगा। पूरे देवबंद में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि नसीम का एक रिश्तेदार देवबंद में भी रहता है।

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मोबाइल फोन पर तलाक जायज : शाही इमाम

फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुकर्रम अहमद ने मोबाइल फोन से तलाक देने को सही ठहराया है। उनके मुताबिक, मोबाइल फोन खुद नहीं बोलता। उसमें आदमी बोलता है। इसलिए यह जायज है। हालांकि, वाट्सएप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यमों से तलाक लिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कुछ कहने से इन्कार किया है।

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अगले स्लाइड में पढ़ें – यूपी हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक..  तीन तलाक मामले पर सरकार और अदालतों का क्या कहना है।

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