शहीद उधम सिंह का परिवार आज एक ‘चपरासी’ की नौकरी के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है

0
2 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse

आपको हम बता दें कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में खूनी दिवस के दौरान उधम सिंह वहां उपस्थित थे। बाद में करीब 21 साल बाद उन्होंने लंदन में माइकल ओ डायर की हत्या कर इस नरसंहार का बदला लिया था। जलियांवाला बाग में कत्लेआम के समय माइकल ओ डायर ही पंजाब का गवर्नर था। बाद में उधम सिंह को हत्या के आरोप में लंदन में फांसी दे दी गई थी।

इसे भी पढ़िए :  पंजाब: सिद्धू ने अमृतसर ईस्ट से दाखि‍ल किया नामांकन, अमरिंदर और भगवंत मान ने भी भरा पर्चा

जग्गा सिंह इस समय अपने परिवार के छह सदस्यों के साथ बेहद गरीबी में जीवन गुजार रहे हैं। इसके अलावा उन्हें 60 वर्षीय पिता जीत सिंह की देखभाल भी करनी पड़ती है। वह एक दिहाड़ी मजदूर हैं।

इसे भी पढ़िए :  पंजाब हार पर बोले केजरीवाल, EVM से ट्रांसफर किए गए वोट

30 वर्षीय जग्गा सिंह दसवीं तक पढ़े हैं और 2,500 रपये मासिक की तनख्वाह पर संगूर की एक कपड़ा दुकान में काम करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह उनके पत्रों पर ध्यान देंगे।

इसे भी पढ़िए :  चीन का अंतरिक्ष में एक और बड़ा कदम, दो चीनी अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष प्रयोगशाला में किया प्रवेश
2 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse