नई दिल्ली। उरी आतंकवादी हमले और पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने के बीच गृह मंत्रालय की संसदीय समिति ने सीमा सुरक्षा और आतंरिक सुरक्षा क्षमताओं की तत्काल समीक्षा करने का फैसला किया।
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व गृहमंत्री पी चिदम्बरम की अगुवाई में नवगठित समिति ने बुधवार(28 सितंबर) को पहली बार बैठक की और उसने ऐसे विषयों पर चर्चा के लिए छह अक्तूबर और 13 अक्तूबर को बैठकें करने का फैसला किया।
सूत्रों के अनुसार 13 अक्तूबर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गृह सचिव राजीव महर्षि के समिति की बैठक में भाग लेने की संभावना है। समिति की पहली बैठक उठाए जाने वाले विषय तय करने के लिए थी।
इस बैठक में विपक्षी सदस्यों ने उरी हमले के आलोक में सीमा सुरक्षा और देश में आतंरिक सुरक्षा के मुद्दों पर तत्काल चर्चा पर जोर डाला। उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ गया है। सूत्र ने कहा कि ‘‘ऐसे पहलू हैं जो इंतजार नहीं कर सकते।’’
सूत्रों के मुताबिक जिन पहलुओं की समीक्षा होनी हैं उनमें में अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों की क्षमता, राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र और नैटग्रिड की स्थिति शामिल हैं। इस केंद्र और नैटग्रिड से आतंरिक सुरक्षा मजबूत होने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, माकपा के सीताराम येचुरी समेत विपक्षी सदस्यों ने पुलिस आधुनिकीकरण के प्रस्ताव के बारे में जानना चाहा जो लंबे समय से लटका है। इस पर चिदम्बरम ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने इसके लिए धन जारी नहीं किया है, इसलिए यह लटका पड़ा है।