नई दिल्ली। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के हमले में घायल हुए बीएसएफ के जवान गुरनाम सिंह शहीद हो गए। शनिवार देर रात जम्मू के जीएमसी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे हीरानगर सेक्टर के बोबिया में सीजफायर का उल्लंघन होने पर जख्मी हुए थे। पाक ने छुप कर गुरनाम सिंह पर हमला किया था, इस हमले में गोली उनके सिर में जा लगी। उन्हें फौरन जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहीं उनका इलाज चल रहा था।
दरअसल, 19-20 अक्टूबर के रात की है। जम्मू के हीरानगर सेक्टर के बोबिया पोस्ट पर गुरनाम तैनात था। अचानक पौने बारह बजे उसकी नजर पड़ती है कि सरहद पर कोई हलचल हो रही है। 150 मीटर कुछ धुंधले चेहरे दिखने लगते हैं। बिना देर किए गुरनाम अपने साथियों को अलर्ट करता है, ललकारने पर पता चला कि वह आतंकी है, फिर क्या था दोनों ओर से गोलाबारी हुई और बाद में आतंकी वापस भाग खड़े हुए। तब तक दूसरी ओर तैनात पाकिस्तानी रेंजर्स को पता लग चुका था कि गुरनाम ही वो मुख्य सिपाही है जिसकी वजह से उसे मुंह की खानी पड़ी।
21 अक्टूबर को सुबह नौ बजकर पैंतीस मिनट पर रेंजर्स ने बदला लेने के ख्याल से स्नाइपर रायफल्स से उस पर फायर किया। ऐसा रायफल जिससे काफी दूर से सटीक निशाना साधा जा सकता है। गोली सीधे निशाने पर गुरनाम को लगी। बावजूद गुरनाम ने हथियार नहीं डाले बल्कि उन पर फायरिंग करता रहा। तब से लेकर अब तक गुरनाम की हालत काफी गंभीर बनी हुई थी।
गौरतलब है कि गुरनाम के घायल होने के बाद बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें सात पाकिस्तानी रेंजर्स और एक आतंकी मारे गए। पांच साल पहले बीएसएफ में शामिल हुए, सिख परिवार में जन्मे गुरनाम जम्मू के रणवीरसिंह पुरा इलाके के रहने वाले हैं। गुरनाम की दिली ख्वाहिश थी कि बीएसएफ में शामिल हो, उनके परिवार को इस बात पर गर्व है कि यह बीएसएफ का हिस्सा हैं।