हम भारत के साथ सबसे खराब समय में भी खड़े रहे: रूस

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

चेम्जोव ने कहा कि ‘‘यह हमारे लिए बहुत ही विशेष वर्ष है और इस दौरान कई प्रमुख परियोजनाएं होंगी और चीजें पहले ही शुरू हो चुकी हैं।’’ उन्होंने यद्यपि स्वीकार किया कि एक तीसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण से दोनों देशों के बीच रक्षा के कुछ क्षेत्रों में कुछ गिरावट हो सकती है।

इसे भी पढ़िए :  भारत के साथ लगती सीमा पर बढ़ाएंगे पट्रोलिंग- चीन

अमेरिका और यूरोपीय देश भारत के साथ कुछ बड़े सौदे करने में सफल रहे हैं, जिसके लिए रूस भी दौड़ में था। उन्होंने ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस ने न केवल उच्च स्तर के उपकरण की आपूर्ति की है, बल्कि रणनीतिक चीजें विकसित करने में भारत के साथ सहयोग भी किया है।

इसे भी पढ़िए :  मंगोलिया को भारत की मदद पर बौखलाया चीन, अब दे रहा धमकी

चेम्जोव ने कहा कि 1990 के दशक के आखिर में रूस ने सुखोई 30 एमकेआई के लिए प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया था। उन्होंने टी.90 टैंकों का भी उदाहरण दिया और कहा कि यह ‘‘किसी भी तरह से कम नहीं बल्कि कई तरह से किसी अमेरिकी या यूरोपीय प्रौद्योकियों से उन्नत है।’’

इसे भी पढ़िए :  मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद नाराज हुए नेता जी, पार्टी से मांगेंगे जवाब !

उन्होंने कहा कि पी.75आई और विमानवाही पोत परियोजना में सहयोग की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि रूस ने दोनों परियोजनाओं के लिए अपने प्रस्ताव पहले ही दे दिये हैं।

2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse