दिल्ली: कीनिया में लड़कियों के बीच खतना का खौफ इस कदर समा गया है कि ये लड़कियां क्रिसमस पर भी घर जाने के लिए तैयार नहीं है। ये लड़किया इस विभत्स कार्य से इस कदर डरी हुई है कि ये क्रिसमस की तैयारी घर पर नहीं, बल्कि स्कूलों में रहकर कर रही हैं। इन लड़कियों को यह डर है कि घर जाने पर इनके माता-पिता कहीं जबरन इनका खतना न करा दें।
बीबीसी में छपी एक खबर के अनुसार छुट्टियों के कारण स्कूलों को एक महीना पहले बंद हो जाना चाहिए था, लेकिन खतने से डरी इन लड़कियों के लिए स्कूल अब भी खुले हुए हैं। इसके साथ ही अन्य लड़कियां चर्चों में भी रह रही हैं।
14 साल की एलिस ने बताया कि आर्थिक और सांस्कृतिक वजहों से ज़्यादातर माता-पिता इस परंपरा के समर्थक हैं।
एलिस का कहना है, ”मेरे माता-पिता दहेज की वजह से जबरन खतना कराना चाहते हैं। जब लड़कियों का खतना किया जाता है, तो यह माना जाता है कि अब उनकी शादी कर दी जाएगी। क्योंकि खतना होने के बाद माता-पिता अपनी बेटियों को पेश कर देते हैं। फिर उनके परिवार वालों को दहेज में गाय मिलती हैं।”
कीनिया में सन् 2011 से ही खतना को ग़ैरक़ानूनी बनाया जा चुका है. इसके साथ ही दोषियों पर भारी जुर्माना भी लगाया जाता है, लेकिन यह परंपरा अब भी थमी नहीं है।