वशिष्ट ने लिखा है, “मुझे फ़वाद ख़ान या पाकिस्तानी कलाकारों में कोई रुचि नहीं है। उनके बॉलीवुड में होना या न होना मेरे लिए अहम नहीं है। बॉलीवुड के प्रोड्यूसर उन्हें इसलिए रोल देते हैं क्योंकि वो ऐसा चाहते हैं और अगर वो अब उरी हमले के बाद वही उन्हें बाहर निकालने के लिए चिल्ला रहे हैं लेकिन क्या ये बेहतर नहीं होता कि वो अपनी ऊर्जा उरी के शहीदों के लिए आर्थिक मदद जुटाने में लगाते। क्या हमें अपनी ऊर्जा उरी के शहीदों की विधवाओं, बच्चों और माता-पिता से जुड़ने में नहीं लगानी चाहिए?”
वशिष्ट ने कहा कि मुझे डिस्कशन में कार्गिल युद्ध में शहीद हुए सैनिक के पिता भी शामिल थे। उन्होने लिखा, “मैं आपको ये भी बता दूं कि मैं केवल अर्नब की बात सुन पा रही थी और मेरे इयरफोन में काफी शोर आ रहा था, और मुझे ये भी नहीं पता था शो में कौन है और वो क्या कर रहे हैं। न मुझे पता था, न ही मुझे बताया गया था कि कारिगल के शहीद के पिता शो में शामिल हैं, फिर उनका अपमान करने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता।” वशिष्ट ने कहा है कि सेना और उसके मूल्य उनके खून में हैं।
वशिष्ट ने आगे लिखा है, “जब भी सेना के जवानों को इस्तमाल करके उन्हें भुला दिया जाता है तो मुझे गहरा दुख होता है। चाे वो असली युद्ध हो या हमारी सीमाओं की सुरक्षा करने की बात हो या कश्मीर जैसी बाढ़ या भूकंप के वक्त हमारी जिंदगी बचाने की- सैनिक ही सबसे आगे आते हैं और हमेशा हर हालात में हमारी मदद के लिए तैयार रहते हैं (चाहे युद्ध हो या न हो)।”
अगले पेज पर देखिये शो के दौरान का वीडियो































































