18 साल पहले भी ICJ में भारत से हार चुका है पाकिस्तान

0
कोर्ट

कुलभूषण जाधव मामले में हेग स्थ‍ित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) आज बृहस्पतिवार शाम साढ़े तीन बजे अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले पर भारत और पाकिस्तान के अलावा दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि विएना संधि का उल्लंघन करके जाधव को फांसी की सजा सुनाने वाले पाकिस्तान को आज फिर अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुंह की खानी पड़ेगी। इससे 18 साल पहले भी अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत ने पाकिस्तान को जबरदस्त पटखनी दी थी।

पिछली बार जाधव मामले की सुनवाई सोमवार को हुई थी। भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष रखा था। आज भी वह इस पर पैरवी करेंगे। मालूम हो कि जाधव मामले को लेकर भारत और पाकिस्तान 18 साल बाद एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय अदालत में आमने-सामने हैं। अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले पर पाकिस्तान ने दलील दी कि यह उसके राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है। लिहाजा इस पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को दखल देने का कोई हक नहीं है।

इसे भी पढ़िए :  अगस्त के महीने में सिर्फ गरीबों के बच्चे ही क्यों मरते है अमीरों के क्यों नहीं : शिवसेना

इससे पहले 10 अगस्त 1999 को पाकिस्तानी नौसेना का टोही विमान भारतीय क्षेत्र में घुस आया था, जिसे भारतीय वायुसेना ने मार गिराया था। इस घटना में विमान में सवार 16 पाकिस्तानी नौसैनिकों की मौत हो गई थी। इस पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत गया था। हालांकि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने यह कहते हुए इसमें दखल देने से मना कर दिया था कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

इसे भी पढ़िए :  सर्जिकल हमले पर पाक मीडिया ने चलाई थी झूठी खबर, भारत ने खोली पोल

PAK का दावा था कि भारत ने उसके वायुक्षेत्र में इस विमान को मार गिराया है। उसने इस नुकसान के एवज में छह करोड़ रुपये डॉलर के मुआवजे की मांग की थी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। लिहाजा वह इस पर दखल नहीं देगा। अदालत की 16 जजों की पीठ ने 21 जून 2000 को 14-2 से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया था।

इसे भी पढ़िए :  सतत विकास सूचकांक में 110वें पायदान पर भारत