वायु प्रदूषण के मामले में उत्तर भारत के शहर दिल्ली से भी बदतर, पीएम मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है अव्वल

0
पीएम मोदी
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

अगर आप दमा और अस्थमा से पीड़ित हैं और इन दिनों पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस आना चाहते हैं तो संभलकर आएं क्योंकि यहां की हवा में उड़ रहे धूल के कण आपकी बीमारी को बढ़ा सकते हैं। और जो लोग इन बीमारियों से ग्रस्त नहीं है वो भी सतर्क रहें क्योंकि बनारस की फ़िज़ा खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो चुकी है। दीपावली के बाद तो ये प्रदूषण और बढ़ गया है। इस प्रदूषण को खतरनाक स्थिति तक ले जा रहे हैं यहां के कूड़े के ढेर जिनमें नगर निगम खुद ही आग लगा देता है। केवल वाराणसी ही क्यों, उत्तर भारत के कई शहरों की हवा दिल्ली से भी बदतर है। यह जानकारी इंडियास्पेंड के सहयोग से तैयार एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।

इसे भी पढ़िए :  BJP कार्यकर्ता को भारी पड़ा PM मोदी के ‘स्वच्छता मिशन’ पर सवाल उठाना, गिरफ्तार

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में वायु प्रदूषण पर दर्ज आंकड़ों के 227 दिनों में पिछले साल वाराणसी में अच्छी गुणवत्ता वाली वायु शून्य रही, जबकि 263 दिनों में इलाहाबाद में अच्छी गुणवत्ता वाली वायु शून्य रही।

इसे भी पढ़िए :  पीएम मोदी के इस कदम का मौलवियों ने भी किया स्वागत

इन दो शहरों में ऐसा एक दिन भी नहीं पाया गया जब हवा में पीएम 2.5 का स्तर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता के सुरक्षित स्तर से नीचे पाया गया हो। हम बता दें कि वायु में पाए जाने वाले 2.5 माइक्रोमीटर के व्यास के कणिका तत्व को पर्टीकुलेट मैटर या पीएम 2.5 कहा जाता है। यह रिपोर्ट जून 2016 में जारी किए गए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 2015 के आंकड़ों पर आधारित है।

इसे भी पढ़िए :  कश्मीर में 3 लोगों की मौत पर आर्मी ने मांगी माफी

अगली स्लाइड में पढ़ें खबर का बाकी अंश

Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse