भारतीय जनता पार्टी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार 19 जून को घोषित किया था। पार्टी के पास ज्यादा संख्याबल होने के कारण यह माना जा रहा है कि देश के अगले राष्ट्रपति अब रामनाथ कोविंद ही होंगे और उनकी जीत निश्चित है। मगर पार्टी इस चुनाव के मद्देनजर किसी भी तरह की भूल-चूक नहीं होने देना चाहती थी और इसके लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात के तीन ज्योतिषियों से राय भी ली। दरअसल यह राय शाह ने रामनाथ कोविंद के नामांकन दायर करने के समय को लेकर ज्योतिषियों से ली थी। सलाह लेने के बाद ही नामांकन 23 जून को सुबह 11:56 बजे दायर किया गया था। अमित शाह के इस काम को एनडीए गठबंधन के एक दूसरे दल ने भी पसंद किया था।
तेलुगु देसम पार्टी भी चाहती थी कि रामनाथ कोविंद ऐसे समय में अपना नामांकन दायर करते जिसमें वह अशुभ राहूकालम से बचे रहते। इसके लिए खुद पार्टी के एक सांसद सी रमेश ने अमित शाह और रामनाथ कोविंद को अंगवस्त्र भेंट किया था। उन्होंने अंगवस्त्र शाह और कोविंद के कंधों पर रखा था, ताकि दोनों पर भगवान बालाजी का आशीर्वाद बना रहे। बता दें इस साल 24 जुलाई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वहीं नए राष्ट्रपति चुनाव के लिए 20 जुलाई तक निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। चुनाव के लिए नामांकन दायर करने और वापिस लेने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं अब 17 जुलाई को मतदान होगा और 20 जुलाई को मतगणना की जाएगी।
गौरतलब है राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी के पास संख्यबल ज्यादा है लेकिन कांग्रेस चुनावी मैदान को खाली नहीं छोड़ना चाहती। कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस और जदयू की दूरियां बढ़ने लगी हैं। बीजेपी ने कांग्रेस से पहले रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार घोषित किया था और जदयू ने भी कोविंद को समर्थन देने का फैसला लिया है, जिस पर पार्टी अभी भी कायम है।