नई दिल्ली : कश्मीर में पिछले कुछ समय से उत्तेजित भीड़ और भारतीय सेना व सुरक्षा बलों की लगातार भिड़ंत हो रही है। सुरक्षा बलों पर गुस्साई भीड़ द्वारा पत्थर फेंकने की घटनाओं में भी लगातार वृद्धि हो रही है। कई बार सेना व सुरक्षा बलों के लिए भीड़ को नियंत्रित करना खासी मुश्किल चुनौती बन जाता है। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सेना एक नया गुप्त हथियार विकसित कर रही है। इसका इस्तेमाल भीड़ को तितर-बितर करने में किया जाएगा। यह जानकारी भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को दी है। कश्मीर घाटी में भीड़ को हटाने के लिए सेना द्वारा पेलेट गन के इस्तेमाल का बचाव करते हुए अटॉर्नी जनरल ने यह बात कही। मालूम हो कि जुलाई 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद पूरी कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शनों का एक सिलसिला शुरू हो गया।
भीड़ पर नियंत्रण पाने की बढ़ती चुनौती का जिक्र करते हुए रोहतगी ने अदालत में कहा, ‘पानी की बौछार, लेजर रोशनी का इस्तेमाल करके लोगों की आंखें चकाचौंध करना और बेहद तेज शोर पैदा करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल भी कामयाब होता नहीं दिख रहा है। भीड़ और प्रदर्शनकारियों को हटाने में ये तरकीबें सफल साबित नहीं हो रही हैं।’ रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार स्थिति को काबू में करने के लिए पेलेट गन की जगह रबर की गोलियों का इस्तेमाल करने के विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
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