बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हम राम मंदिर मामले में समझौते को तैयार हैं। वहां पर राम मंदिर पहले से था। ऐसे में राम मंदिर वहीं बनना चाहिए। मस्जिद कहीं पर भी बनाई जा सकती है। सरयू नदी के पार मुसलमान मस्जिद बना सकते हैं। मुसलमान सड़क पर भी नमाज पढ़ सकते हैं। सऊदी समेत कई देशों में बिल्डिंग बनाने के लिए मस्जिद हटाए जाते हैं। मुसलमान कहीं पर भी नमाज पढ़ सकते हैं। लिहाजा मुस्लिम समुदाय इस रचनात्मक सुझाव को माने, तो अच्छा होगा। उन्होंने मामले में मध्यस्था के लिए एक न्यायाधीश की नियुक्त करने की भी मांग की। अयोध्या के संत राम विलास वेदांती ने कहा कि राम मंदिर पर कोर्ट से बाहर समझौता को तैयार हैं।
मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला होगा, उसको मानेंगे। इससे पहले भी कोर्ट के बाहर बातचीत के जरिए मसले को सुलझाने की कोशिश हुई, लेकिन कोई कोई कामयाबी नहीं मिली। इस संबंध में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला होगा, वह सभी को मान्य होगा।