पीएम मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने से इसका असर बाजारों मे साफ देखने को मिल रहा है। वहीं खबर है कि नोटबंदी के कारण जीबी रोड के कोठों का कारोबार बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि कोठों का व्यापार नोट बंद होने के बाद से कई गुना महंगा हो गया है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल जिन कोठों पर देह व्यापार के 200-250 रुपये चार्ज होते हैं, उन पर पिछले दो दिनों से 500 और 1000 के नोट देने पर बकाया पैसा वापस नहीं दिया जा रहा है।
वहीं, मुजरा भी और महंगा पड़ रहा है। खुल्लों की मौजूदा किल्लत के चलते मुजरे पर लुटाने के लिए 10-20 के नोटों की गड्डियां कम पड़ रही हैं। जिसके चलते 10 के नोट वाली हजार रुपये की गड्डी डबल रेट में मिल रही हैं। ये अलग बात है कि ‘शौकीन’ लोग अभी भी गड्डियां खरीदने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।
एक एनजीओ के अनुसार, वैसे तो जीबी रोड के ज्यादातर कोठों पर मुजरा बंद हो चुका है, हालांकि किसी जमाने में कोठों की शुरुआत मुजरा करने की इजाजत से हुई थी, जिसकी आड़ में बाद में देह व्यापार होने लगा और मुजरा बंद होता गया। फिलहाल एक-दो कोठे ही ऐसे हैं, जिनमें मुजरे के नाम पर अब भी डांस वगैरह होता है। वहां ज्यादातर पुराने और शौकीन कस्टमर्स ही पहुंचते हैं, क्योंकि ये शौक नोट लुटाने के चलने के चलते महंगा पड़ता है।
दूसरी ओर जिन कोठों पर देह व्यापार का ‘चार्ज’ 250 रुपये फिक्स है, वहां 500 और 1000 के नोट पर वापसी नहीं है। इस बारे में कोठा संचालक कस्टमर्स को पहले ही बता रहे हैं कि, या खुल्ले नोट लाएं या वापसी की उम्मीद न करें।