भोजपुरी समेत तीन भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर संवैधानिक भाषा बनाने का फैसला किया गया है। भोजपुरी के अलावा राजस्थानी और भाति को भी इस अनुसूची में शामिल किया जाएगा।
बीजेपी सांसद और दिल्ली बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एनबीटी से खास बातचीत में कहा कि सरकार ने इन तीनों भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि अब संसद का सत्र खत्म होने वाला है इसलिए जब भी अगला सत्र होगा तो सरकार लोगों को यह तोहफा दे देगी। मनोज तिवारी ने कहा, “अगर मौजूदा संसद सत्र सही तरीके से चल रहा होता तो इसी सत्र में लोगों को यह तोहफा दे दिया जाता।”
तिवारी ने कहा कि 38 भाषाएं आठवीं अनुसूची में आना चाहती हैं, लेकिन पीएम को बताया गया कि तीन भाषाएं ऐसी हैं जिन्हें देश के बाहर मान्यता हासिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान इस ओर तब गया, जब वह भूटान यात्रा पर गए थे। वहां भोटी भाषा बोली जा रही थी।
पीएम को बताया गया कि यह भाषा आपके देश में भी बोली जाती है। इस पर उन्होंने और जानकारी चाही कि ऐसी कौन सी भाषाएं हैं जो देश के बाहर भी बोली जाती हैं। इसके बाद देखा गया कि राजस्थानी, भोजपुरी और भोटी देश के बाहर भी बोली जाती हैं।
गौरतलब है कि भोजपुरी सूरीनाम, मॉरिशस, त्रिनिदाद और फिजी की मान्यता प्राप्त भाषा है, जबकि राजस्थानी भाषा को नेपाल में मान्यता मिली हुई है।