डॉक्टरों ने की दुल्हन की मेडिकल जांच, बारात लेकर वापस लौटा दूल्हा

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प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार

भोपाल: घराती और बराती दोनों के विरोध के बीच महिला सशक्तिकरण विभाग ने रविवार-सोमवार की रात को पंचशील नगर में बाल विवाह होते-होते रुकवा दिया। विवाद की स्थिति बनने के बाद पुलिस और प्रशासन के दखल पर लड़की का मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों से उम्र का सत्यापन कराया तो लड़की की उम्र 15 साल निकली। इसके बाद स्टेज पर बैठे दूल्हे समेत पूरी बरात को ही लौटना पड़ा। अफसरों ने लड़की के पिता से हलफनामा लिखवाया कि वह बालिग होने के बाद ही अपनी बेटी की शादी करेगा।

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महिला सशक्तिकरण अधिकारी रामगोपाल यादव के मुताबिक रविवार रात आठ बजे सूचना मिली थी कि मद्रासी कालोनी स्थित पंचशील नगर के बी-ब्लॉक में नाबालिक किशोरी की शादी होने जा रही है, बारात पहुंच चुकी है, महिला सशक्तिकरण विभाग की टीम जिस वक्त पहुंची, दूल्हा स्टेज पर बैठा हुआ था। बाराती भोजन के बाद सामने कुर्सियों पर बैठे थे, वरमाला के लिए दुल्हन का इंतजार हो रहा था। अफसरों ने दुल्हन का पता कर उसके माता-पिता को बुलवाया। दोनों बदनामी होने का बात करते हुए शादी नहीं रोकने के लिए अड़े हुए थे।

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अफसरों ने मार्कशीट और जन्मप्रमाण पत्र मांगा तो बाराती और दुल्हन के रिश्तेदार भी उल्टे अफसरों से उलझने लगे। इसके बाद पुलिस अफसरों ने सभी को जेल भेजने और 1-1 लाख रुपए जुर्माना लगाने की चेतावनी दी, तब जाकर वे शांत हुए। इसके बाद रात में ही डॉक्टरों की टीम से दुल्हन का मेडिकल कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में उम्र 15 वर्ष सत्यापित होने के बाद शादी रद्द करा दी गई।

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