प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2014 से दिसंबर 2016 के बीच उत्पादन, कारोबार, निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, परिवहन एवं आतिथ्य सेवा तथा रेस्तरां सेक्टरों में 641,000 रोजगार का सृजन हुआ। इनमें जनवरी 2016 और मार्च 2016 के बीच उत्पन्न हुई नौकरियां शामिल नहीं हैं, जिनके डेटा अनुपलब्ध हैं। तुलनात्मक रूप से, श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2011 से दिसंबर 2013 के बीच इन क्षेत्रों में 12.8 लाख नौकरियां उत्पन्न हुईं।
यह गैर-कृषि औद्योगिक इकाइयों से सरकार द्वारा एकत्र आंकड़ों पर आधारित है जिनके पास इन आठ क्षेत्रों में 10 या इससे अधिक श्रमिक हैं। 2016 के श्रम मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “इन सर्वेक्षणों को अर्थव्यवस्था के चयनित क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है, जो वैश्विक कारकों और रोजगार के लिए संवेदनशील है।”
भाजपा के पहले तीन साल में सृजित नौकरियां, यूपीए सरकार द्वारा अंतिम तीन साल में सृजित नौकरियों का 50 फीसदी कम नौकरी और सामाजिक सुरक्षा
सर्वेक्षण में कहा गया है कि अस्थायी नौकरियों में वृद्धि के चलते पारिश्रमिक, रोजगार स्थायित्व एवं श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। नौकरी के मौके पैदा करने में कमी आई है