अफसरों का कहना है कि इसके अलावा बैंकों के कार्ड में यह भी दिक्कत थी कि जब भी कार्ड को स्वैप किया जाता है तो उसमें बैंक से उसके कन्फर्म होने में दो सौ मिली सेकेंड लगते हैं। मेट्रो स्टेशनों या फिर बसों में ऐसा करना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि इतनी देर में वहां लंबी लाइनें लग जाती हैं। अगर बैंक कन्फर्मेशन वाली प्रक्रिया को छोड़ दिया जाए तो इसमें संकट यह होगा कि अगर बाद में पता चले कि कार्ड ब्लॉक हो चुका है तो उस पैसेंजर से किराया वसूलने में दिक्कत होगी।
जिस वजह से मंत्रालय द्वारा ये काम एनपीसीआई को सौंपा गया है। जिसके लिए रुपे कार्ड का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। मंत्रालय का कहना है कि इस कार्ड में भी पेटीएम की तरह ही कुछ राशि ट्रांसफर करके उसका यूज हो सकेगा। मेट्रो और इस कार्ड में फर्क यह होगा कि इस नए कार्ड का इस्तेमाल पार्किंग से लेकर बस और बाजार तक में भी किया जा सकेगा। मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि यह प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद है कि अगले महीने इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक इस कार्ड का अन्य जगह इस्तेमाल हो, इसके लिए भी तैयारी की जा रही है।