कैशलेस करने को लेकर चल रही मोदी सरकार की मुहिम के बीच अब शहरी विकास मंत्रालय ने अहम कदम उठाते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को कैशलेस करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए मंत्रालय द्वारा नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से बात की है और उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने इसकी मदद से नए कार्ड जारी कर दिये जाएंगे। जो वॉलिट के रूप में होगा, जिससे कि यात्रा किराए का भुगतान हो सकेगा।
मंत्रालय ने इससे पहले यूपीए शासन में भी ‘मोर’ कार्ड लांच करके सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए इसे कॉमन कार्ड बनाने की कवायद शुरू की थी लेकिन यह चालू होने से पहले ही फ्लॉप हो गई, क्योंकि उसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने में दिक्कत हो रही थी। शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस कार्ड के जरिए न सिर्फ मेट्रो बल्कि बसों, ऑटो, टैक्सी समेत अन्य जगहों पर भी लागू किया जा सकता है। यही नहीं, इस कार्ड से कुछ और सुविधाओं को भी जोड़ा जाएगा।
मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि हालांकि एक ऑप्शन यह भी सोचा गया था कि बैंकों के क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ही किराए के भुगतान की व्यवस्था की जाए। इस सिस्टम में यह व्यवस्था की जा रही थी कि पैसेंजर अगर मेट्रो में सफर करता है तो वह मेट्रो कार्ड की बजाय सीधे डेबिट या क्रेडिट कार्ड से यात्रा करे। लेकिन इसमें दिक्कत यह है कि बैंकों के कार्ड को स्वाइप करना पड़ता है या फिर मशीन में लगाना होता है जबकि मेट्रो जैसी जगह पर यह संभव नहीं है। इसकी वजह यह है कि ऐसा करने पर मेट्रो स्टेशनों पर लाइनें लग जाएंगी।
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