दिल्ली:
सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति की बड़ी सिफारिश को आज स्वीकार कर लिया। समिति ने ऐसे कार्यक्रमों की संख्या 30 से अधिक नहीं करने की बात कही थी।
समिति ने यह भी सिफारिश की थी केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के तहत लचीले कोष की मात्रा मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 करने की सिफारिश की थी। यह राज्यों को लक्षित मकसद को हासिल करने में योजना के तहत कोष के उपयोग की आजादी देता है।
केंद्र ने लचीले कोष का विकल्प राज्यों के लिये बढ़ाकर 25 प्रतिशत तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिये 30 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने के लिये मुख्यमंत्रियों के उप-समूह की बड़ी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।’’ उप-समूह ने 66 सीएसएस का परीक्षण किया और सिफारिश की थी कि इसकी संख्या 30 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
कार्यक्रमों की संख्या युक्तिसंगत किये जाने से संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग सुनिश्चित होगा और नतीजे बेहतर होंगे। इससे लक्षित समूह तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित हो सकेगा।
समिति ने योजनाओं के वर्गीकरण की भी सिफारिश की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है। बयान के अनुसार ये सीएसएस को 28 व्यापक स्लैब में वर्गीकृत तथा तीन श्रेणियों में बांटा गया है..अतिमहत्वपूर्ण (6), महत्वपूर्ण (19) तथा वैकल्पिक योजनाएं (2) हैं।
































































