EC ने VVPAT मशीनों के लिए सरकार से मांगा फंड, कहा-‘वरना समय पर नहीं हो पाएंगे 2019 के चुनाव’

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VVPAT

चीफ इलेक्शन कमिशनर नसीम जैदी ने आने वाले लोकसभा चुनावों में वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) मशीनों के लिए सरकार से फंड जारी करने की मांग की है। नसीम जैदी ने मौजूदा माहौल की बात करते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि पेपर ट्रेल मशीनों (VVPAT) के लिए वह जल्द से जल्द फंड जारी कर दें ताकि आने वाले लोकसभा चुनावों में ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल मशीन अनिवार्य रुप से जोड़ी जा सकें।

अमर उजाला के मुताबिक कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में जैदी ने यह भी कहा कि अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आयोग को वह समयसीमा बताने का निर्देश दिया है जिसके भीतर वीवीपीएटी की पूरी प्रणाली अमल में लाई जाएगी। जैदी ने अपने पत्र में मौजूदा माहौल का जिक्र किया है। ऐसा माना जा रहा है कि मौजूदा माहौल लिखने की वजह राजनीतिक पार्टियों के द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ईवीएम की निष्पक्षता पर उठाए जा रहे सवाल हैं। 11 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद से कई राजनीतिक पार्टियां जिसमें बसपा और सपा प्रमुख है लगातार ही ईवीएम की निष्पक्षता पर प्रश्‍न उठा रही हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता ईवीएम के मुद्दे पर बंटे हुए दिख रहे हैं।

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कानून मंत्री को लिखे इस पत्र में यह याद दिलाया है कि वह पहले ही सरकार को सूचित कर चुके हैं कि वीवीपीएटी की आपूर्ति के लिए ऑर्डर फरवरी, 2017 तक नहीं दिया गया तो सितम्बर, 2018 तक वीवीपीएटी की आपूर्ति के लिए विनिर्माण मुश्किल होगा।

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आखिर क्या है VVPAT?

VVPAT एक मशीन है जिसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जोड़ा जाता है। जब वोट डाला जाता है तब इसकी एक रसीद निकलती है। उस पर क्रम संख्या, नाम तथा उम्मीदवार का चुनाव चिह्न दिखता है। इसमें मतदाता के उम्मीदवारों के नाम का बटन दबाते ही, उस उम्मीदवार के नाम और पार्टी के चिह्न की पर्ची अगले 10 सेंकेड में मशीन से बाहर निकल जाती है। इसके बाद यह एक सुरक्षित बक्से में गिर जाती है, यह उपकरण वोट डाले जाने की पुष्टि करता है और इससे मतदाता ब्योरों की पुष्टि कर सकता है, रसीद एक बार दिखने के बाद ईवीएम से जुड़े कंटेनर में चली जाती है।

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बता दें कि चुनाव आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी मतदान केद्रों को कवर करने के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की जरूरत होगी। इस पर 3,174 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।